08/04/2025
आज सुबह की शुरुआत एक नई उम्मीद और रोमांच के साथ हुई। DIC इंटर्नशिप की फाइल पर साइन लेने के बाद मैंने सबसे पहले प्रसाद सर से मुलाकात की। उनसे मैंने पूछा कि यहां पर काम करने के लिए मेरा माइंडसेट कैसा होना चाहिए? सर ने बहुत सहजता से समझाया कि अभी किसी विचार को लेकर न आओ, बल्कि पहले 15 दिन यहां के माहौल को समझो, अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में हाथ बंटाओ, और फिर तय करो कि किस दिशा में गहराई से काम करना है।
इसके बाद सर ने मुझे हीट पंप ड्रायर पर काम करने के लिए कहा। मुझे हीट पंप ड्रायर का CAD मॉडल SolidWorks पर तैयार करने के लिए कहा गया, तब प्रसाद सर ने समझाया कि किसी भी CAD आधारित प्रोजेक्ट को अच्छे से और व्यवस्थित तरीके से पूरा करने के लिए किन-किन जरूरी स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए। उन्होंने जो महत्वपूर्ण बातें बताईं, वो इस तरह थीं:
”सबसे पहले PFD (Process Flow Diagram) बनाओ, जिससे पूरे सिस्टम के काम करने का प्रोसेस स्पष्ट हो।
फिर MFD (Material Flow Diagram) तैयार करो, जिससे समझ आए कि सामग्री किस दिशा में और कैसे मूव करेगी।
उसके बाद डिटेल्ड पार्ट्स लिस्ट बनानी है, जिसमें:
कौन से पार्ट्स खुद बनाने हैं (Parts to Make),
और कौन से पार्ट्स बाहर से खरीदने हैं (Parts to Purchase) — ये साफ लिखना होता है।
हर पार्ट का नामकरण (Identify and Naming) और उसकी डायमेंशन (Actual Size) तय करनी है।
फिर हर पार्ट का एनवेलप व्यू और 3D व्यू स्केच करना है, ताकि उनके स्पेस और जॉइंट्स का सही अंदाजा हो।
उसके बाद SolidWorks में:
हर पार्ट की पार्ट ड्राफ्टिंग,
फिर असेंबली,
और फिर हर चीज़ का ड्राफ्ट (2D Drawing) बनाना होता है।
SolidWorks में Bill of Material (BOM) भी तैयार करना होता है, जिसमें सभी पार्ट्स की संख्या और स्पेसिफिकेशन लिखे जाते हैं।
इसके साथ-साथ बाजार से जरूरी चीजों का मार्केट सर्वे भी करना होता है’।

शाम को हमने कुछ पुराने स्टूडेंट्स के ब्लॉग्स पढ़कर हीट पंप ड्रायर का काम कैसे होता है ये समझने की कोशिश की। इसके बाद दिक्षित सर ने थर्मोडायनामिक्स से जुड़े कुछ नियमों जैसे पंपिंग और कन्वेक्शन के बारे में बताया।
09/04/2025
सुबह फिर से प्रसाद सर से बात की। उन्होंने कहा कि हीट पंप ड्रायर के सारे पार्ट्स की लिस्ट, डाइमेंशन और उनकी लोकेशन पता करो। मैंने ये काम दोपहर तक पूरा किया। फिर लैब में जाकर वीडियो देखकर ड्रायर की वर्किंग को समझा और फिर सर से उसकी डीप एक्सप्लानेशन ली कि हम इस प्रोजेक्ट में आगे क्या करने वाले हैं।
10/04/2025
सर ने कहा कि जो डाइमेंशन लिए हैं, उन्हें एक्सेल शीट में लिखकर दिखाओ। मैंने सारे पार्ट्स के नाम और डाइमेंशन एक्सेल में लिखे और फिर लैब जाकर स्केचिंग की। SolidWorks पर पार्ट्स बनाना शुरू किया – जैसे FRP और PUF शीट्स। हालांकि SolidWorks में मटेरियल असाइन करना थोड़ा मुश्किल लग रहा था।
11/04/2025
जो पार्ट्स बचे थे, उन्हें SolidWorks पर डिज़ाइन किया। फिर अभिजीत सर के साथ बैठकर असेंबली करना सीखा और शाम तक कुछ हद तक असेंबली पूरी कर ली।
11/04/2025
आज SolidWorks पर कंडेंसर की डिज़ाइन का ट्यूटोरियल देखा और खुद कंडेंसर के साथ-साथ उससे जुड़े बाकी पार्ट्स भी बनाए। साथ ही, कैपिलरी ट्यूब और ड्रायर फिल्टर की डिज़ाइन भी तैयार की और सबको असेंबल किया।
12/04/2025
सुबह प्रसाद सर ने हमें बोर्ड पर पॉलीहाउस की हीट ट्रैपिंग का कैलकुलेशन करके समझाया। इसी दौरान कंडक्शन, कन्वेक्शन और रेडिएशन के बारे में गहराई से समझा। बाद में अभिजीत सर के साथ स्टिरर की स्केचिंग की और SolidWorks पर ड्राइंग बनाई।
13/04/2025
SolidWorks पर बचे हुए काम को पूरा किया और फिर एक की-चेन डिज़ाइन की। अगले दिन SolidWorks में पाइप राउटिंग सीखने की कोशिश की पर थोड़ा कठिन लगा, तो सोचा कि इसे बाद में करेंगे। फिर FabLab में जाकर विनायल कटर और 3D प्रिंटर की मशीनें सीखी। डिज़ाइन की गई की-चेन को प्रिंट भी किया।
14/04/2025
आज हीट पंप ड्रायर के कंप्रेसर की कैपेसिटी (22000 BTU/hr) से जुड़ी एनर्जी की गणना शुरू की, लेकिन कुछ कैलकुलेशन में अटक गया इसलिए अगले दिन के लिए छोड़ दिया। फिर वर्कशॉप में जाकर दूसरे स्टिरर की डिज़ाइन और डाइमेंशन लिए और उसे SolidWorks पर डिज़ाइन कर असेंबल किया।
15/04/2025
Prasad Sir ने Polyhouse में Heat trapping का concept समझाया। Board पर calculation के ज़रिये हमें बताया कि heat transfer किन-किन तरीकों से होता है – conduction, convection और radiation।
इसके बाद हमने Abhijeet Sir के साथ sterer की sketching की और SolidWorks में उसका drawing तैयार किया।
SolidWorks में pipe routing सीखने की कोशिश की, Prasad Sir से समझाया लेकिन अभी उतनी सफाई से समझ नहीं आया। इसलिए आगे चलकर फिर कोशिश करूंगा।
इसके बाद Fab Lab गया, जहाँ मैंने Vinyl Cutter और 3D Printer सीखा।
अपने बनाए गए keychain को 3D Printer से print किया। बस bed positioning का तरीका अभी सीखना बाकी है।
19/04/2025
पॉलीहाउस के कन्वर्सेशन के बाद हीट पंप ड्रायर के कैलकुलेशन को कंटिन्यू किया और यह समझ आया कि फैन की स्पीड कम होनी चाहिए। फिर सोलर डोम ड्रायर पर काम कर रहे दोस्तों की मदद की।शाम को दिक्षित सर ने हमें फिश बोन डायग्राम यानी “ईशिकावा डायग्राम” के बारे में विस्तार से समझाया गया। यह एक ऐसा टूल है, जो किसी भी समस्या के पीछे छिपे असली कारणों को पहचानने में बहुत मदद करता है। इसे देखकर मुझे समझ आया कि कैसे एक समस्या के कई संभावित कारण हो सकते हैं, और उन्हें अगर सही तरीके से देखा जाए तो असली जड़ तक पहुँचना आसान हो जाता है।
फिशबोन डायग्राम का आकार एक मछली की हड्डी जैसा होता है। मछली के सिर पर हम समस्या (Effect) को लिखते हैं, और रीढ़ की हड्डी से अलग-अलग शाखाएँ निकलती हैं, जो संभावित कारणों (Causes) को दर्शाती हैं।
मुझे बताया गया कि इस डायग्राम को बनाने के लिए सबसे पहले समस्या को सही तरीके से पहचानना बहुत ज़रूरी है। फिर उसके बाद संभावित कारणों को अलग-अलग श्रेणियों में बाँटना चाहिए —
हर श्रेणी के अंदर हमें गहराई से सोचना होता है कि कौन-कौन से छोटे-छोटे फैक्टर उस समस्या में योगदान कर रहे हैं। इस तरह सोचने से छोटी से छोटी बात भी पकड़ में आ जाती है, जो सीधे समस्या से जुड़ी होती है।

फायदे:
- सोचने का एक संरचित और व्यवस्थित तरीका मिलता है।
- टीम वर्क और चर्चा से समस्या को व्यापक तरीके से समझने में मदद मिलती है।
- पूरी समस्या और उसके कारण एक नज़र में स्पष्ट हो जाते हैं।
- असली कारणों पर काम करने से भविष्य में वही समस्या फिर से होने से रोकी जा सकती है।
इस तरीके से फिशबोन डायग्राम का इस्तेमाल करते हुए किसी भी जटिल समस्या को आसानी से तोड़कर समझा जा सकता है और प्रभावी समाधान निकाला जा सकता है।
जब हमने इसे बनाया और इस्तेमाल किया, तब मुझे समझ आया कि कैसे किसी बड़ी समस्या के पीछे कई छोटे-छोटे कारण जुड़े होते हैं। फिर एक-एक कारण को विश्लेषण करके असली जड़ तक पहुँचा जा सकता है।
20/04/2025
आज DIC का review था, और उसके बाद Dixit Sir ने मुझे विशेष रूप से Thermodynamics के concepts को बहुत ही गहराई से समझाया।
शाम को Heat Pump Dryer के calculation को पूरा किया और compressor capacity से लेकर airflow तक की clarity आई।
21/04/2025
प्रसाद सर ने Cryosphere विषय पर एक रोचक स्टोरी सुनाई | फिर SolidWorks पर अलग-अलग पार्ट्स के ट्यूटोरियल देखे।
22/04/2025
आज पॉलीहाउस प्रोजेक्ट से जुड़े निमेश सर और रवि सर आए थे। उन्होंने पॉलीहाउस की हीटिंग बिहेवियर और उससे जुड़ी कैलकुलेशन को से समझाया। इसके बाद SolidWorks पर फिर से अभ्यास किया।
इन पहले दो हफ्तों में मैंने न सिर्फ Technical Skills सीखी बल्कि ये भी जाना कि किसी भी प्रोजेक्ट को समझने और करने के लिए धैर्य, सूक्ष्म अवलोकन, और सही मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण होता है।
25/04/2025
पिछले कुछ दिनों में Prasad Sir द्वारा दिया गया असाइनमेंट, जिसमें डॉक्यूमेंट लिंक अपडेट करना था। इसे मैंने आज सफलतापूर्वक पूरा कर लिया। इसके बाद हमने हीट पंप ड्रायर पर चल रही calculation को पूरा किया।
शाम को SolidWorks खोला और नए ऑब्जेक्ट्स के ट्यूटोरियल देखकर प्रैक्टिस की।
26/04/2025
सुबह अभिजीत सर ने मुझे कड़ाही के लिए एक स्टिरर डिज़ाइन करने का टास्क दिया। डिजाइन तैयार करने के बाद उसे लेज़र कटर से कार्डबोर्ड में काटा और कड़ाही में फिट करके देखा। लेकिन यह थोड़ा छोटा पड़ गया, इसलिए दोबारा डिजाइन करना ज़रूरी हो गया।
उसी दौरान मुझे तेजस्विनी ji की मदद के लिए भेजा गया। वहां पता चला कि पॉलीहाउस में डेटा लॉगर इंस्टॉल करने के लिए पाइप की ज़रूरत है। हम गांव गए, पाइप लाए और खुद गड्ढा खोदकर उसे फिट किया।

27/04/2025
आज DIC में रिव्यू डे था। सभी मेंबर्स ने अपने-अपने प्रोजेक्ट का अपडेट साझा किया और मुद्दों पर चर्चा हुई।
शाम को polyhouse की calculation देखी और SolidWorks में थोड़ी प्रैक्टिस की।
28/04/2025
सोमवार की स्टोरी के बाद रिव्यू हुआ। फिर मैंने कढ़ाई के लिए स्टिरर का नया डिज़ाइन तैयार किया। उस फाइल को DXF फॉर्मेट में कन्वर्ट करके लेज़र कटिंग मशीन से कार्डबोर्ड में काटा।
इसी दौरान, पहले से बनी हुई रिमोट की डिज़ाइन को भी कार्डबोर्ड में काटकर असेंबली किया और सुहास सर को दिखाया। उन्हें डिज़ाइन पसंद आया और उन्होंने कहा कि इस डिज़ाइन के चार सेट्स ऐक्रेलिक में काटो।
इसके बाद मैंने वो चारों सेट्स ऐक्रेलिक शीट में लेज़र कटिंग द्वारा तैयार किए। फिर स्टिरर को अभिजीत सर के साथ जाकर कढ़ाई में फिट करके देखा। इस बार स्टिरर पूरी तरह से परफेक्ट बैठा।
काम पूरा होने के बाद थोड़ी राहत मिली।



29/04/2025
आज सबसे पहले मैंने कल जो रिमोट के पार्ट्स acrylic में काटे थे, उन्हें अच्छे से असेंबल किया।
इसके बाद Prasad Sir ने मुझे एक नया और ज़िम्मेदार काम सौंपा—BSF यूनिट का पूरा डाइमेंशनल स्केच बनाना, फिर उस पर SolidWorks में सारे पार्ट्स डिजाइन करना और उन्हें असेंबल करना।
चूंकि ये काम नया था, इसलिए सबसे पहले मैंने Abhijeet Sir से इसकी जानकारी ली। उन्होंने मुझे अच्छे से समझाया कि BSF (Black Soldier Fly) यूनिट के चैंबर में क्या-क्या चीज़ें होती हैं और किस तरह की माप ज़रूरी हैं।
इसके बाद मैं खुद BSF यूनिट के पास गया और वहां जाकर चैंबर का ओवरव्यू देखा, साथ ही ज़रूरी डायमेंशन भी नोट किए ताकि CAD पर डिज़ाइन बनाते समय कोई गलती न हो।

30/04/2025
आज दिन की शुरुआत DIC में थोड़ी बहुत सभी की मदद से हुई। इसके बाद मैं BSF के नए चेंबर पर चल रहे एक्सपेरिमेंटल कैलकुलेशन को समझने में लग गया। चूंकि इसमें थर्मोडायनामिक्स की बेसिक समझ जरूरी थी, इसलिए मैंने उससे जुड़ी कुछ बातें पढ़ना और समझना भी शुरू किया।
शाम को Tejaswini ji की मदद के लिए पॉलीहाउस गया, जहाँ एक पुराने एक्सहॉस्ट फैन को स्क्रैप यार्ड से निकालकर उसकी जांच करनी थी—ये देखना था कि वह अब भी काम करने लायक है या नहीं।
02/05/2025
आज सुबह से ही मैं Tejaswini ji की मदद के लिए गाँव गया। वहाँ से ज़रूरी सामान लाकर पॉलीहाउस में मोटर की जांच की। मोटर थोड़ी देर चलने के बाद बंद हो जा रही थी और अपनी क्षमता से तीन गुना ज़्यादा करंट खींच रही थी—लगभग 5 मिनट के भीतर ही ट्रिप हो रही थी।
फिलहाल मोटर को वैसे ही छोड़ दिया और वापस आकर SolidWorks में BSF के कुछ पार्ट्स डिजाइन करने की कोशिश की, लेकिन तभी कंप्यूटर lack हो गया था। समय का सही इस्तेमाल करने के लिए मैंने SolidWorks के कुछ ट्यूटोरियल वीडियो देखे और नई चीज़ें सीखीं!
03/05/2025
आज लैब में बैठकर BSF के पार्ट्स बनाए और बीच-बीच में तेजस्विनी ji की मदद की। आज का दिन productive रहा।
04/05/2025
आज पूरा दिन BSF प्रोजेक्ट पर ही फोकस रहा। SolidWorks में BSF से जुड़े कई पार्ट्स को एक-एक करके डिजाइन किया और फिर उन्हें असेम्बली में जोड़ा।
कुछ हिस्से थोड़े जटिल थे, जिन्हें समझने और सही से फिट करने में थोड़ा ज्यादा ध्यान देना पड़ा। जैसे-जैसे डिजाइनिंग आगे बढ़ती गई, वैसे-वैसे मॉडल का स्ट्रक्चर साफ होता गया, और मुझे संतुष्टि महसूस हुई
05/05/2025
आज सुबह स्टोरी सेशन के बाद सभी इंटर्न्स ने अपने-अपने प्रोजेक्ट्स की प्रगति का रिव्यू प्रेजेंट किया।
इसके बाद मैंने फिर पॉलीहाउस की उस मोटर पर ध्यान दिया, जिसे एक दिन पहले खोलकर देखा गया था। जब मोटर को खोलकर अंदर झाँका, तो पता चला कि उसकी रनिंग कॉइल जल चुकी थी, जिसकी वजह से वो जरूरत से ज्यादा करंट ले रही थी और हर 5 मिनट में ट्रिप हो रही थी।
मोटर की इस हालत को देखते हुए, हम उसे मरम्मत के लिए गाँव की रिपेयरिंग शॉप पर लेकर गए।
शाम को वापस लौटने के बाद, BSF प्रोजेक्ट में बचे हुए कुछ पार्ट्स को SolidWorks में डिजाइन करना शुरू किया।

06/05/2025
आज मैंने BSF चेंबर से जुड़े सारे पार्ट्स SolidWorks में डिज़ाइन किए और उनकी फाइनल असेम्बली पूरी की। जब यह काम खत्म हुआ, तो मैंने सोचा कि prasad Sir को दिखा दूं ताकि वे कोई सुधार बता सकें। लेकिन उन्होंने कहा कि CAD पर काम शुरू करने से पहले मुझे एक अच्छा sketch तैयार करना होगा। इस बात से मैंने सीखा कि CAD पर सीधे काम करना बिना proper planning के सही नहीं है।












7/05/2025
आज मैंने मरम्मत की हुई मोटर को पॉलीहाउस में लगाया। इसमें थोड़ा वक्त लगा, लेकिन काम पूरा हो गया। इसके बाद मैंने Dixit Sir से heat pump dryer की पुरानी हिस्ट्री के बारे में पूछा। इससे मुझे यह समझने में मदद मिली कि इस प्रोजेक्ट में अब तक क्या कुछ हो चुका है और हम अभी कहां खड़े हैं। यह जानना मेरे लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इसने मुझे प्रोजेक्ट के इतिहास और उसमें जुड़ी मेहनत को समझने का मौका दिया।
Next month
इस हफ्ते की शुरुआत थोड़ी उलझन भरी थी। मैं SolidWorks पर BSF Chamber की डिज़ाइनिंग में लगा था, लेकिन जैसे ही मैंने Prasad Sir को वह दिखाया, उन्होंने सीधा एक सवाल किया — “स्केच कहाँ है?”
मुझे समझ आया कि मैं बिना प्लानिंग के CAD पर काम करने की गलती कर रहा हूँ। CAD सिर्फ बटन दबाकर बनाने का काम नहीं है, उसमें सोच, अवलोकन और योजना की ज़रूरत होती है उन्होंने कहा कि CAD बनाने से पहले एक अच्छा स्केच तैयार करना ज़रूरी है। इस पर मैंने BSF चेंबर का अच्छी तरह से निरीक्षण किया और उसकी सभी डाइमेंशन्स को नोट किया। इसके आधार पर मैंने एक हैंड स्केच तैयार किया जो पूरी तरह से “As-it-is” मॉडल पर आधारित था। यह स्केच आगे की डिज़ाइनिंग का आधार बनने वाला था, इसलिए मैंने इसे बहुत ध्यान से और सटीकता से तैयार किया।
इन दो दिनों में मैंने BSF Chamber ki dimension tatha sketching की। phir bache hue design ko complete karne mein lag gaya. हर एक पार्ट को एक-एक करके बनाना और सही ढंग से असेंबल करना आसान नहीं था, लेकिन पहले से बनाए गए स्केच की वजह से दिशा साफ़ थी। इस बीच, कुछ CAD ट्यूटोरियल भी देखे ताकि अपने काम को और बेहतर कर सकूं। धीरे-धीरे डिज़ाइनिंग आगे बढ़ रही थी और मुझे संतोष का अनुभव हो रहा था।
BSF Chamber की डिज़ाइनिंग जारी रही, लेकिन अब इसमें और भी बारीकियाँ जोड़नी थीं। इस दौरान मैंने chamber के ventilation, inlet और outlet के position को और बेहतर करने की कोशिश की। साथ ही मैंने कुछ पुराने issues को भी ध्यान में रखते हुए उनके लिए नए solutions सोचे। जैसे-जैसे डिजाइन आगे बढ़ता गया, mere andar confidence badhta gaya.
अब BSF Chamber की SolidWorks पर लगभग सभी पार्ट्स डिज़ाइन हो चुके थे। मैंने सबको एक साथ असेंबल किया और फाइनल assembly तैयार की। इसके बाद मैंने यह डिज़ाइन Prasad Sir को दिखाया। उन्होंने सराहना की, लेकिन साथ ही कुछ सुधार के सुझाव भी दिए — जैसे कि assembly mein metting ke dauraan error aana. मैंने इन सुधारों को अपडेट किया।

आज कुछ SolidWorks practice के लिए समय मिला। मैंने न सिर्फ पुराने मॉडल्स को फिर से खोला बल्कि कुछ नए फिचर्स जैसे swept boss, loft, surface modelling पर भी काम किया। इससे मेरी CAD क्षमता और भी मजबूत हुई।








अब जब BSF chamber का काम थोड़ा थमा, तब मुझे मेरे क्लासमेट्स से CAD डिज़ाइन की रिक्वेस्ट आने लगी। मैंने पहले उनसे उनकी ज़रूरतें समझीं — हर डिज़ाइन के पीछे क्या उद्देश्य है, इसका हल्के स्केच बनाकर idea clear किया, फिर SolidWorks में डिज़ाइन तैयार की।
इन डिज़ाइनों में शामिल थे:
Insect Trap Lamp: एक छोटा, UV आधारित कीट पकड़ने वाला सिस्टम

Final project link by pradeep kumar (fab lab)
https://fabacademy.org/2025/labs/vigyanashram/students/pradeep-kumar/Final-Project.html
Panda: Traffic Officer: एक playful रोबोटिक ट्रैफिक कंट्रोल डिवाइस

Pyrolysis Chamber Setup: बायोवेस्ट से ऊर्जा उत्पन्न करने वाला सिस्टम


Flat Bed Dryer: ड्रायिंग की सुविधा देने वाला कॉम्पैक्ट यंत्र

इन सब पर काम करने के दौरान मुझे विविध डिजाइन की बारीकियाँ समझने को मिलीं। ये मेरी CAD journey के लिए एक चुनौती भी थी और एक सुनहरा अवसर भी।
इन दिनों मैंने बचे हुए कुछ CAD डिजाइन पूरे किए और साथ-साथ SolidWorks के कुछ नए tutorials भी किए — खासकर assembly mates और motion analysis के।


पिछले हफ्ते से कुछ दिन पहले Prasad Sir मुझसे BSF Chamber के पुराने वर्जन को लेकर बात करने लगे थे। उन्होंने बताया कि पुराने चेंबर में नेचुरल लाइट की कमी थी, जिससे अंदर अंधेरा रहता था। साथ ही ह्यूमिडिटी को सही बनाए रखना भी मुश्किल था, जिसकी वजह से BSF के अंडे अच्छी तरह से नहीं बन पा रहे थे।
यह सुनकर मेरे मन में ये ख्याल आया कि क्या मैं कुछ ऐसा बना सकता हूँ जो इन समस्याओं का समाधान करे। Prasad Sir ने मेरी रूचि देखी और कहा, “इस बार का BSF Chamber 2.0 तुम डिज़ाइन करो।” यह सुनकर मैंने पूरी मेहनत और ध्यान इस प्रोजेक्ट पर लगाना शुरू किया।
हमने पहले सभी सीनियर सर से बात की और उनके सुझाव लिए। फिर Design Thinking प्रोसेस के अनुसार काम शुरू किया। सबसे पहले Empathize स्टेज में हमने समझा कि पुराने चेंबर में असल में क्या दिक्कतें थीं। फिर Define स्टेज में तय किया कि हमें इस बार कौन-कौन सी समस्याओं को हल करना है।
Ideate स्टेज में हमने कई नए आइडिया सोचे, स्केच बनाए और सबसे बेहतर आइडिया पर काम शुरू किया।


अब प्रैक्टिकल फेज शुरू हो चुका था।
मैंने सबसे पहले प्रोटोटाइप की स्केचिंग और dimension को फाइनल किया, फिर मैटेरियल्स को तय करके उसकी procurement की।




Fabrication शुरू हुआ।
मैंने खुद welding की, grinding की, और धीरे-धीरे पूरा स्ट्रक्चर तैयार किया। इसके बाद primer किया और फिर painting — सारी प्रक्रिया मैंने खुद की।
BSF Chamber अब एक आइडिया से असलियत बन चुका था।
जब पेंट करके तैयार हुआ, तो वो मजबूत, साफ और पेशेवर दिख रहा था






8/06/2025






14/6/2025

🏁 अंत में…
अब जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूँ तो समझ आता है कि इस एक महीने ने मुझे कितना कुछ सिखाया — स्केच से सोचने की कला, Design Thinking की गहराई, SolidWorks की बारीकियाँ, और एक टीम के साथ काम करने की ज़िम्मेदारी